मैं बचपन से कट्टर हिन्दू नहीं था और मेरे माता पिता ने मुझे कट्टरवाद तो क्या,कभी हिन्दुवाद भी नहीं सिखाया ,
मुझे बचपन से यह रटाया गया की
"हिन्दू-मुस्लिम" भाई भाई,
मुझे बचपन से ही क्लास 10 तक सेकुलरिज्म का पूरा dose दिया जाता ,
याद है मुझे अभी भी की 10 वीं कक्षा के History बुक में मुझे यह रटाया जाता की-"
अकबर महान था,हुमायूं महान था,औरंगजेब वीर था" इत्यादिपर
मेरी अंतरात्मा ने कभी मुझे दिल सेsecularism के गंदे रास्ते पर नहीं जाने दिया ,
जब मैंने दुनिया को जानना शुरू किया समझना शुरू किया
तब मैंने देखा की मेरा धर्म तो यह भी कहता है की- "गाय हमारी माँ है"तो फिर जिनको मैं भाई कहता हूँ वो मुसलमान मेरी ही माँ को काट कर क्यों खाते हैं?
पता चला की औरंगजेब ने 89 लाख हिन्दुओं को जींदा कटवा दियाहज़ारों मंदिरों को तुडवा दियाफिर मैंने सोचा की -"
जिसने इतना अत्याचार किया वो औरंगजेब वीर और महान कैसे हो सकता है?"
फिर मेरे मन में एक सवाल आया की यदि मुसलमान सचमे भाईचारे के साथ रहते हैं तो फिर पाकिस्तान और बांग्लादेश की जरुरत ही क्यों पड़ी?
आज इश्वर की कृपा से मैं एक "भगवा भक्त" बनने में सफल हुआ l
भारत माता की जय|
--हिन्दु
Thursday, 7 September 2017
कट्टर हिन्दू कॉपीपास्ता
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